कथा- किस्सा कहने और सुनने की हमारी पुरानी परम्परा है जो अब प्रायः लुप्त होती जा रही है। कोई जमाना था जब अलाव जलते थे और अलाव के इर्द-गिर्द बूढ़े- बच्चे और जवान बैठते थे और किस्से कहानियां कहते-सुनते थे। मेरा मकसद पुरानी संस्कृति को पुनः जिन्दा रखने का प्रयास मात्र है जिसमे आपके सहयोग की अपेक्षा है। धन्यवाद