उत्पन्ना एकादशी 2025
आज के दिन उत्पन्ना एकादशी व्रत किया जाता है। यह व्रत हजारों यज्ञों के बराबर पुण्य देने वाला माना गया है। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु के इन सरल मंत्रों का जाप करने से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। इतना ही नहीं इस एकादशी का धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व माना गया हैं, क्योंकि इसी दिन एकादशी माता उत्पन्न हुईं थी और जो भी भक्त एकादशी व्रत शुरू करना चाहते हैं वो आज से एकादशी व्रत का प्रारंभ कर सकते हैं। आज की डिश हूँ बीज मंत्र का जप करें भगवान विष्णु और लक्ष्मी का आशीर्वाद अब सादगी पर बरसे 🙏🏻शुभ एकादशी🙏🏻@yog_acharyaa
2 - 0
आज शुक्रवार है और आज के दिन लक्ष्मी मां के स्वरूपों की पूजा की जाती है।मान्यता है कि अगर माता लक्ष्मी प्रसन्न हो जाएं तो व्यक्ति को धन-धान्य की कमी नहीं रहती है।अगर आप माता लक्ष्मी को प्रसन्न कर लेते हैं तो धन और समृद्धि के सभी रास्ते खुल जाते हैं।
शुक्रवार को स्नान करने के बाद मां लक्ष्मी की पूजा करें।पूजा से पहले ही जहां आप लक्ष्मी जी की पूजा करेंगे उसे साफ करके शुद्ध कर लें, इसके बाद पूजा शुरु करें।पूजा में माता को गुलाबी रंग के फूल अर्पित करें ऐसा करना शुभ माना जाता है।इसके साथ ही इत्र भी चढ़ाएं।
विवाह में बाधा आ रही हैं तो इस मंत्र का जप करें आपको सफलता निश्चित मिलेगी।
💐शुभ दिन 💐@yog_acharyaa
4 - 0
शुभ दिन 💐😍आज दिनांक 13 नवंबर 2025, दिन गुरुवार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है। यह दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति को समर्पित होने के कारण अत्यंत शुभ माना जाता है जिससे पूजा-पाठ, पीले वस्त्र धारण करने और दान-पुण्य के कार्य विशेष फलदायी होते हैं । इस दिन आप गुरु बीज मंत्र का जाप करें,विशेष फलदायी है।
जिससे घर में सुख-समृद्धि और ज्ञान की वृद्धि होती है। कई स्थानों पर नवमी तिथि को कुलदेवी या कुलदेवता की विशेष पूजा करने का विधान भी होता है।@yog_acharyaa
2 - 0
काल भैरव अष्टमी 2025 इस वर्ष मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है ।उदयातिथि के अनुसार, इस वर्ष काल भैरव जयंती या कालाष्टमी व्रत 12 नवंबर 2025, बुधवार को मनाया जा रहा है,आज के दिन भगवान शिव के रौद्र स्वरूप काल भैरव की आराधना, व्रत और पूजन किया जाता है । शिव का यह अवतार ब्रह्माजी केअहंकार को चूर करने के लिया गया।
शुभ मुहूर्त -
ब्रह्ममुहूर्त : प्रातः 4:56 AM से 5:49 AM तक
प्रातः संध्या : प्रातः 5:22 AM से 6:41 AM तक
अभिजीत मुहूर्त : इस दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं रहेगा
विजय मुहूर्त : दोपहर 1:53 PM से 2:36 PM तक
गोधूलि मुहूर्त : सायं 5:29 PM से 5:55 PM तक
पूजा विधि एवं महत्व-
इस दिन प्रातः स्नान करके व्रत रखें और भगवान काल भैरव की विधिवत पूजा करें।पूजा के समय सरसों के तेल का दीपक जलाना शुभ माना जाता है।काले तिल, उड़द, नारियल और सरसों के तेल का भोग लगाकर भैरव जी के वाहन श्वान (कुत्ते) को भोजन कराना भी अत्यंत फलदायी माना गया है।भगवान काल भैरव की कृपा से भक्त के जीवन से भय, रोग, अकाल मृत्यु और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं तथा उसे साहस, सुरक्षा और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
आप सभी को कालभैरवाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ🙏🏻@yog_acharyaa
3 - 0
आज दिन मंगलवार 11/11/25 हनुमानजी की उपासना के लिए समर्पित है । आज एक विशेष दिन जिसे मैनिफेस्टो डे भी कहा जाता है । आज 11:11 AM में और रात को 11:11 PM में आप विशेष रूप से ग्यारह बार इस हनुमान मंत्र का जाप करें ।सच्चे मन से प्रार्थना करें।
मंत्र-
ॐ हं हनुमते नमः॥
इस मंत्र में ‘ॐ’ ब्रह्मांड की ध्वनि है, ‘हं’ बीज मंत्र है जो हनुमान जी से जुड़ा है और ‘हनुमते नमः’ का अर्थ है हनुमान जी को प्रणाम।
जाप करने की विधि-
स्नान आदि से निवृत्त होकर हल्के रंग के वस्त्र धारण करें।
आँखें बंद करके दोनों हाथ जोड़ लें।
धूप दीप प्रज्वलित करें।
2 मिनट का ध्यान करें,अपनी सारी आंतरिक ऊर्जा को इकट्ठा करें।
मन में अपनी मनोकामना को स्पष्ट रूप से याद करें।
इस मंत्र का 11 बार सच्चे मन से जाप करें।
ध्यान दें कि मन और बुद्धि से बोली गई इच्छा ही पूरी होती है,नकारात्मक विचार या अधूरे मन से की गई प्रार्थना से शुभ फल नहीं मिलता है। आप भी जल्दी करें तैयार हो जाएं इस मेनिफेस्टो डे पर अपनी इच्छा को पूरी करने के लिए।शुभ दिन 🙏🏻@yog_acharyaa
3 - 0
सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और पूजा स्थल पर शिव-पार्वती की प्रतिमा या शिवलिंग स्थापित करें। शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही और घी से अभिषेक करें। इसके बाद बेलपत्र, धतूरा, भांग, चंदन और चावल अर्पित करें। धूप-दीप जलाकर घी, शक्कर या प्रसाद का भोग लगाएं और फिर ‘ॐ नमः शिवाय’ या ‘महामृत्युंजय मंत्र’ का जाप करें। संभव हो तो व्रत भी रख सकते हैं। जाप रूद्राक्ष की माला से करें ।आप सभी पर महादेव की कृपादृष्टि सदैव बनी रहे।🙏🏻@yog_acharyaa
3 - 0
उत्तराखंड स्थापना दिवस 2025, 9 नवंबर को मनाया जा रहा है, जो भारत के 27वें राज्य के रूप में उत्तराखंड के गठन का सम्मान है। यह महत्वपूर्ण दिन, जिसे 9 नवंबर उत्तराखंड स्थापना दिवस के रूप में भी जाना जाता है, अपनी समृद्ध संस्कृति, प्राकृतिक सुंदरता और लोगों की दृढ़ भावना का जश्न मनाता है। यह अवसर राष्ट्रीय स्तर पर बहुत महत्व रखता है, क्योंकि यह राज्य की विशिष्ट पहचान, भारतीय विरासत में इसके योगदान और राज्य के दर्जे के लिए लंबे संघर्ष को दर्शाता है।आज उत्तराखंड के 25वें गौरवान्वित स्थापना दिवस पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏🏻@yog_acharyaa
4 - 0
शनिवार को शनिदेव और हनुमान जी की उपासना एक साथ करने से जीवन में धैर्य और स्थिरता आती है और सौभाग्य जागृत होता है। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए तेल का दीपक जलाएं और हनुमान जी के लिए गुड़-चने का भोग लगाएं। इसके अतिरिक्त, शनिवार को काली वस्तुओं का दान, जैसे उड़द की दाल, काला कपड़ा और काले तिल, करना भी लाभकारी माना जाता है। और “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें। हनुमान जी की कृपा के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें और लाल सिंदूर व चमेली का तेल अर्पित करें। हनुमान जी के इस मंत्र के जाप से शत्रु का नाश होता है और किसी भी कार्य में सफलता प्राप्ति के लिए यह मंत्र उत्तम है। आप भी इसका लाभ उठाइए आप सभी पर बजरंग बली हम शनिदेव की कृपा बनी रहे । धन्यवाद 💐शुभ दिन 💐@yog_acharyaa
7 - 1
6/11/25 आज गुरुवार को बृहस्पति देव और विष्णु दोनों की उपासना की जाती है। इनकी पूजा से सुख-समृद्धि आती है, विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं और ज्ञान में वृद्धि होती है। उपासना में मंत्रों का जाप, व्रत रखना और केले के पेड़ की पूजा करना शामिल है।
पूजा विधि-
गुरुवार को व्रत रखकर भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा की जाती है एवं केले के पेड़ की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है, क्योंकि इसमें भगवान विष्णु का वास माना गया है।
पूजा करते समय पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ होता है।
भगवान विष्णु को पीले रंग की वस्तुएं जैसे हलवा, गुड़-चने की दाल, केला या केसरिया भात का भोग लगाएं।
विष्णु जी को वैजयंती के फूल अर्पित करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं ।
मंत्र का अर्थ है -जो शुभता के प्रतीक हैं, जो गरुड़ पर सवार हैं, जिनके नेत्र कमल जैसे हैं, वह भगवान विष्णु सबका मंगल करें और कल्याण करें।@yog_acharyaa
3 - 0
कार्तिक पूर्णिमा 2025
आज 5 नवंबर 2025 विशेष-
*कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव की आराधना के लिए सर्वोत्तम होता है।इस दिन महामृत्युंजय संपुट मंत्र का जाप, गंगा स्नान और दान-पुण्य करने से व्यक्ति की आयु बढ़ती है और जीवन में आ रही सभी रुकावटें दूर होती हैं।मान्यता है कि इस दिन किया गया जाप और पूजन, मृत्यु के भय और असाध्य रोगों से मुक्ति का मार्ग खोल देता है।
*भगवान कार्तिकेय, जिन्हें मुरुगन, सुब्रह्मण्यम और स्कंद के नाम से भी जाना जाता है, को मुख्य रूप से ज्ञान, साहस और विजय के देवता के रूप में पूजा जाता है।
*गुरु नानक देव की 556वां गुरु पर्व जिसे प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाया जाता है।गुरु नानक देव जी की करुणा, सद्भाव और सत्य की शिक्षाएं आज भी करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनकी दी शिक्षा को हमें अपने जीवन में लागू करना चाहिए वो कहती हैं -हमेशा एक ईश्वर की साधना में मन लगाओ, वही सच्चा मार्ग दिखाता है।
महामृत्युंजय संपुट मंत्र-
ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्व: भुव: भू: ॐ स: जूं हौं ॥
आप सभी को देव दीपावली ,गंगा स्नान ,प्रकाश पर्व एवं मुर्गन के जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ🙏🏻@yog_acharyaa
3 - 2
Joined 20 August 2012