'देव दीपावली
जब भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया, तो देवताओं ने प्रसन्न होकर काशी में दीप जलाकर इस विजय का उत्सव मनाया था। तभी से कार्तिक पूर्णिमा को 'देव दीपावली' के रूप में मनाने की परंपरा आरंभ हुई। इस दिन मंदिरों सहित घरों व घाटों पर दीप जलाकर उत्सव मनाया जाता है
और कार्तिक पूर्णिमा का भी पावन पर्व
यह दिन विशेष तौर पर मां लक्ष्मी को समर्पित है।
दीपदान सरोवर किस्तें राधा कुंड जहाँ जैसे आपको उपलब्ध है वहाँ जरूर करिए
कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान का पुण्य मिलता है
गंगा स्नान, दीप दान और प्रभु का नाम,
ही देव दिवाली को सार्थक करता है इसी मंगल कामना के साथ,
कार्तिक पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं.🤗🌺
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*आप सबको तुलसी विवाह की बधाई🙏🤗
*तुलसी कौन थी?*
```तुलसी(पौधा) पूर्व जन्म मे एक लड़की थी जिस का नाम वृंदा था, राक्षस कुल में उसका जन्म हुआ था बचपन से ही भगवान विष्णु की भक्त थी.बड़े ही प्रेम से भगवान की सेवा, पूजा किया करती थी.जब वह बड़ी हुई तो उनका विवाह राक्षस कुल में दानव राज जलंधर से हो गया। जलंधर समुद्र से उत्पन्न हुआ था.
वृंदा बड़ी ही पतिव्रता स्त्री थी सदा अपने पति की सेवा किया करती थी.
एक बार देवताओ और दानवों में युद्ध हुआ जब जलंधर युद्ध पर जाने लगे तो वृंदा ने कहा``` -
स्वामी आप युद्ध पर जा रहे है आप जब तक युद्ध में रहेगे में पूजा में बैठ कर``` आपकी जीत के लिये अनुष्ठान करुगी,और जब तक आप वापस नहीं आ जाते, मैं अपना संकल्प
नही छोडूगी। जलंधर तो युद्ध में चले गये,और वृंदा व्रत का संकल्प लेकर पूजा में बैठ गयी, उनके व्रत के प्रभाव से देवता भी जलंधर को ना जीत सके, सारे देवता जब हारने लगे तो विष्णु जी के पास गये।
सबने भगवान से प्रार्थना की तो भगवान कहने लगे कि – वृंदा मेरी परम भक्त है में उसके साथ छल नहीं कर सकता ।
फिर देवता बोले - भगवान दूसरा कोई उपाय भी तो नहीं है अब आप ही हमारी मदद कर सकते है।
भगवान ने जलंधर का ही रूप रखा और वृंदा के महल में पँहुच गये जैसे
ही वृंदा ने अपने पति को देखा, वे तुरंत पूजा मे से उठ गई और उनके चरणों को छू लिए,जैसे ही उनका संकल्प टूटा, युद्ध में देवताओ ने जलंधर को मार दिया और उसका सिर काट कर अलग कर दिया,उनका सिर वृंदा के महल में गिरा जब वृंदा ने देखा कि मेरे पति का सिर तो कटा पडा है तो फिर ये जो मेरे सामने खड़े है ये कौन है?
उन्होंने पूँछा - आप कौन हो जिसका स्पर्श मैने किया, तब भगवान अपने रूप में आ गये पर वे कुछ ना बोल सके,वृंदा सारी बात समझ गई, उन्होंने भगवान को श्राप दे दिया आप पत्थर के हो जाओ, और भगवान तुंरत पत्थर के हो गये।
सभी देवता हाहाकार करने लगे लक्ष्मी जी रोने लगे और प्रार्थना करने लगे यब वृंदा जी ने भगवान को वापस वैसा ही कर दिया और अपने पति का सिर लेकर वे
सती हो गयी।
उनकी राख से एक पौधा निकला तब
भगवान विष्णु जी ने कहा –आज से
इनका नाम तुलसी है, और मेरा एक रूप इस पत्थर के रूप में रहेगा जिसे शालिग्राम के नाम से तुलसी जी के साथ ही पूजा जायेगा और में
बिना तुलसी जी के भोग```
```स्वीकार नहीं करुगा। तब से तुलसी जी कि पूजा सभी करने लगे। और तुलसी जी का विवाह शालिग्राम जी के साथ कार्तिक मास में```
```किया जाता है.देव-उठावनी एकादशी के दिन इसे तुलसी विवाह के रूप में मनाया जाता है !```
*इस कथा को दिल से सुने समझे 🙏
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पुष्टिमार्ग में इस दिन को 'प्रथम गौचारण' के उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जो प्रभु की बाल-लीला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
गोपाष्टमी पर नंद कृष्ण और बलराम को अपनी गायों की देखभाल की ज़िम्मेदारी सौंपते हैं। कृष्ण और बलराम भी अन्य ग्वालों के साथ अपनी गायों की पूजा करते हैं। नंद यह सुनिश्चित करते हैं कि सभी गोप गायों के साथ चरागाह जाने से पहले दही-भात, चावल से बनी खीर, शीरा, लड्डू और मटकी का स्वादिष्ट भोजन करें। यशोदा उनके दोपहर के भोजन के लिए छोटी-छोटी मटकियों में कुछ मिठाइयाँ पैक करती हैं
भगवान का स्वरूप आनंद का स्वरूप है और उसी आनंद अर्थात परमानंद के साथ वे हमारे बीच हमारे समान व्यवहार करते हैं। हम अपने घर के प्रभु को अपनी इच्छानुसार रूप दे सकते हैं। वे उस रूप को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि यह उस सामंजस्य के अनुपात में हो जो हम बना सकते हैं। खैर, अगर उनके सामंजस्य को अपनाना संभव न हो, तो कम से कम हम उनके लिए और उनके रूप में जीने का प्रयास तो कर ही सकते हैं।
गोपाष्टमी “उसके लिए” बनने और फिर “उसके साथ सामंजस्य” बनाने का उत्सव है।
#gopashtami
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🙌🏻 श्रीगोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट महोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ !!
आज दोपहर राजभोग आरोगने के बाद श्रीजी जगमोहन में विराजित होंगे और श्री गोवर्धन पूजा होगी। पूजन के बाद आरती ही राजभोग आरती होगी।
Shriji comes out on the altar in the morning and is seated on a special throne. There is abhishek of giriraj shila, worship of a cow and a cowherd boy, and puja of Govardhan Hill.
A replica of Govardhan Hill is made on the temple floor from fresh cow dung. Many, many special dishes are offered on this day as bhog.
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*॥ स्वयं शक्तिं जानाति यः स विजयी ॥*
*जो स्वयं की शक्ति जानता है वही विजयी होता है।*
One Who Knows Their Strength Is Victorious...*
*विजयादशम्याः पर्वणः सर्वेषां कृते भवतां च हार्दिक्यः शुभकामनाः।*
*विजयदशमी के पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ...*
इस पावन पर्व पर आप सब के जीवन में ख़ुशहाली और समृद्धि बनी रहे इसी मंगलकामना के साथ हार्दिक बधाई
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#siyaram #happydussehra #ram
#terishranmei
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भांडीरवन की महिमा
जिसे गुप्त वृंदावन कहा जाता है जहाँ इंदु लेखा जी को किशोरी जी का आशीर्वाद मिला हुआ और सब भक्तों को प्रसाद वितरण करती है राधा कृष्ण जी की महिमा सुनाती है हरि बोल
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Good evening. It is the birthday of India's honourable Prime Minister, Narendra Modi. Collab and write your #letters to him. #dearmodiji #narendramodi #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Baba
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#janmdin_shubhkamnayen
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हमेशा राधा रानी जी का नित प्रति दिन ध्यान धरना चाहिए क्योंकि इससे से इन सब चीज़ो का नाश होता है जैसे-
काम से क्रोध, क्रोध से मोह, मोह से स्मरण शक्ति, और स्मरण शक्ति से बुद्धि का विनाश होता है।
इसलिए हमेशा श्री राधा रानी को चित में रखकर पूजा अर्चना करो जिससे मन में किसी और की कोई जगह ना हो
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Mera sona Krishna is my life❤️
Sab swaarth ke rishte hai neta kya vakta kya pravakta kya abhi neta kya sab maya ke peeche hai 🙏
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If you can see the positive sides of everything, you'll be able to live a much richer life than others. -
I'm always positive ;no room for Negativity, 😅
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Joined 11 October 2016