मान्यता vs तथ्य।
मानो नहीं जानो।
तथ्य सत्य का द्वार है।
इसमें किसी को नीचा नहीं दिखाया जा रहा। दो विचारों को एक साथ रखा जा रहा कौन से विचार तथ्य और कौन से मान्यता ये सुनने वाला के अपना विचार तय करेगा। आज के समय में ये बहुत जरुरी है कि अंधेभक्ति से बचें मान्यता और तथ्य में अंतर करना जाने। जहां भीड़ हो सदियों से चली आ रही हो वो सत्य हो जरूरी नहीं। अपने विवेक से विचार करना जरूरी है इसलिए एक विचार से दूसरे विचार का खंडन जरूरी है। बाकी अपना बुद्धि विवेक लगाना जरूरी है।
गौतम बुद्ध ने कहा था : कोई कितना भी सत्य बता दे तुम अपनी कसौटी पर कसे बिना मान मत लेना।
Joined 8 February 2017