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ईस चैनल का उद्देश्य मंत्र , क्रीया योग की संही जानकारी ,ध्या


Welcoem to posts!!

in the future - u will be able to do some more stuff here,,,!! like pat catgirl- i mean um yeah... for now u can only see others's posts :c

Mantra Gyan
Posted 2 weeks ago

*कुंडली जागरण, मंत्र सिद्धी, दैविक शक्तियाँ , शक्ति पात, ध्यान योग, अध्यात्मिक विकास जीवन की सभी समस्या का निदान*

*7,8,9 फरवरी 2026 , बालोद छत्तीसगढ़*

*Himalaya उतराखंड 15 अप्रैल 2026*

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38 - 7

Mantra Gyan
Posted 2 months ago

अध्यात्मिक ज्ञान

25 - 3

Mantra Gyan
Posted 4 months ago

शत्रु नाश का मंत्र: -

ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय, सर्वरोगहराय, सर्ववशीकरणाय, रामदूताय स्वाहा" यह हनुमान जी का एक शक्तिशाली मंत्र है। इसका अर्थ है, "हे रुद्र के अवतार, रामदूत हनुमान, मैं आपको नमन करता हूँ। मेरे सभी शत्रुओं का नाश करें, सभी रोगों को दूर करें, और सभी को वश में करें।

संकल्प: -

साथ ही यह संकल्प भी करना है कि मुझे और मेरा परिवार को दुश्मनी निभाने वाले को उनके पूरे परिवार संहित सत्यानाश हो।

130 - 6

Mantra Gyan
Posted 4 months ago

*प्रत्येक कार्य में सफल होने हो तो शनिदेव की प्रसन्नता के लिए शनिवार का वर्त रखें ।*

*और: -*

*1] अपनी योग्यता के अनुरूप परिश्रम में कोर-कसर न रखें ।*

*2] अंदर में त्याग-भावना हो । परिश्रम का फल, सफलता का फल भोगने की लोलूपता का त्याग हो ।*

*3] स्वभाव में स्नेह और सहानुभूति हो ।*

*4] लक्ष्यप्राप्ति के लिए तीव्र लगन हो ।*

*5] प्रफुल्लितता हो ।*

*6] निर्भयता हो ।*

*7] आत्मविश्वास हो ।*

*तो व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में सफल हो जायेगा ।*

138 - 5

Mantra Gyan
Posted 4 months ago

रथ यात्रा की हार्दिक शुभकामनाएं

51 - 3

Mantra Gyan
Posted 4 months ago

आज शनिवार है इग्नोर नहीं करें ,लाईक कमेंट कर आशीर्वाद पायें। 🙏

ओम जय जय शनि महाराज, स्वामी जय जय शनि महाराज। कृपा करो हम दीन रंक पर, दुःख हरियो प्रभु आज ॥ ओम ॥

सूरज के तुम बालक होकर, जग में बड़े बलवान ॥ स्वामी ॥ सब देवताओं में तुम्हारा, प्रथम मान है आज ओम ॥1 ॥

विक्रमराज को हुआ घमण्ड फिर, अपने श्रेष्ठन का। स्वामी चकनाचूर किया बुद्धि को, हिला दिया सरताज ॥ ओम ॥2॥

प्रभु राम और पांडवजी को, भेज दिया बनवास। स्वामी कृपा होय जब तुम्हारी स्वामी, बचाई उनकी लॉज ॥ ओम ॥3॥

शुर-संत राजा हरीशचंद्र का, बेच दिया परिवार। स्वामी पात्र हुए जब सत परीक्षा में, देकर धन और राज ॥ ओम ॥4॥

गुरुनाथ को शिक्षा फाँसी की, मन के गरबन को। स्वामी होश में लाया सवा कलाक में, फेरत निगाह राज ॥ ओम ॥5॥

माखन चोर वो कृष्ण कन्हाइ, गैयन के रखवार। स्वामी कलंक माथे का धोया उनका, खड़े रूप विराज ॥ ओम ॥6॥

देखी लीला प्रभु आया चक्कर, तन को अब न सतावे। स्वामी माया बंधन से कर दो हमें, भव सागर ज्ञानी राज ॥ ओम ॥7॥

मैं हूँ दीन अनाथ अज्ञानी, भूल भई हमसे। स्वामी क्षमा शांति दो नारायण को, प्रणाम लो महाराज ॥ ओम ॥8॥

ओम जय जय शनि महाराज, स्वामी जय-जय शनि महाराज। कृपा करो हम दीन रंक पर, दुःख हरियो प्रभु आज ॥ ओम ॥

314 - 20

Mantra Gyan
Posted 5 months ago

-निर्जला एकादशी ( 07 जून 2025 ) आसानी से कैसे करें ? :-

-सुबह सूर्योदय से पहले-पहले भरपेट पानी पी लें ।

-अगर घर में देशी गाय का घी है तो सूर्योदय से पहले ही 25 से 50 ग्राम गुनगुने पानी के साथ ले लें । इससे भूख-प्यास की उग्रता कम होगी, व्रत करने में आसानी होगी।

-सूर्योदय से पहले नींबू व मिश्री मिलाकर पानी पी लें तो प्यास कम लगेगी।

-दोपहर या शाम के समय मुल्तानी मिट्टी शरीर पर लगाकर आधा या एक घण्टे रखकर स्नान करें तो प्यास नही सताएगी । मुल्तानी में अगर पलाश के पाउडर अथवा छाछ, नींबू मिला ले अथवा इसमे से कोई भी एक चीज मिला ले तो प्यास नहीं सताएगी ।

-अनावश्यक घर से बाहर न जाए, भागदौड़ न करें जिससे पसीना न बहे । जितना कम पसीना बहेगा उतनी प्यास कम लगेगी, सम्भव हो तो मौन रखें, जप ध्यान करें , सत्संग सुनें, शास्त्र पढ़ें ।

-एकादशी व्रत तोड़ने की विधि:-

-दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके अपना जप का नियम करके फिर सूर्य को अर्ध्य देकर फिर व्रत तोड़ें ।

-7 भुने हुए चने को बीच से तोड़कर कुल 14 टुकड़े हाथ मे लेकर खड़े हो जाये ।

-(14 टुकड़ों को ) एक टुकड़ा आगे एक पीछे फेंकते जाएं, कि मेरे समस्त पाप संतापों का नाश हो, अंतःकरण शुद्ध हो ॐ ॐ ॐ ।

-कुछ भुने हुए चने खा लें, जिससे जमा हुआ कफ चने के साथ शरीर से बाहर आ जाये ।

-उसके बाद गुनगुने पानी मे नीबू की शिकंजी (सेंधा नमक भी अल्प मात्रा में डालें) बनाकर पियें ।

-एक डेढ़ घण्टे बाद बहुत पतली मूँग (बगैर मिर्च मसाले के हल्दी -धनिया डालकर) अथवा मूंग का पानी एक चम्मच घी डालकर खाएं ।

-पूरे दिन गुनगुना पानी ही पियें तो अच्छा होगा , कोई भी भारी चीज न खाएं, पूरा दिन मूँग ही खाएं तो अतिउत्तम होगा ।


-नोट : आप स्वस्थ हैं तो निर्जला रखिये यह सर्वोत्तम होगा, आपको पूरा पुण्य भी मिलेगा, अगर आपका स्वास्थ्य /उम्र निर्जला रखने की अनुमति नही दे रहा है (आप मधुमेह, उच्च रक्तचाप के रोगी हैं) तो सजला रखिये, अगर सजला भी नहीं रख सकते तो केवल दूध पर रहिये, अगर यह भी सम्भव नहीं तो फल और दूध पर रहिये ।

40 - 4

Mantra Gyan
Posted 5 months ago

एकादशी व्रत के लाभ :-

एकादशी क्यों करें ? :-

एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*

* जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*

* जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*

*एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*

* धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*

* कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*

* परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है । पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ । भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।

257 - 10

Mantra Gyan
Posted 6 months ago

134 - 3

Mantra Gyan
Posted 7 months ago

श्री हरि

171 - 31