100K.....🏃.....10k........5k........2k......1K...1
खोल दे पंख मेरे, कहता है परिंदा,
अभी और उड़ान बाकी है,
जमीन नही है मंजिल मेरी,
अभी पूरा आसमान बाकी है।
🌹जय महाकाल🌹