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[18/6, 15:09] Shalekh Gram Soni: ।।अखण्ड परम प्रगट प्रत्यक्ष, राम नाम मार्ग दर्शन-संतो की वाणी।।राम नाम मणि दीप धरु, जीह देहरी द्वार, तुलसी भीतर बाहरहुं, जो चहसि उजियार।।00।।जाना नही है देही गुरुआ तुमने, परम राम नाम अखण्ड का रहस्यवाद। तो रामायण गीता पर व्याख्या करना सब कुछ लगता बकवाद।।01।।किया ना पौरुष आकर जग मे, श्री राम अरु कृष्ण को जाना नही मन के दर्पण मे। करवाते हो बातो ही बातो मे, भारी दंगा फसाद क्या यही है तुम्हारा रहस्यवाद।।02।।परम राम नाम अखण्ड को चित्त मे जाननहारे समझ गये है, अरु निगुरा रह जाए ठिल्ली मे। सतगुरु मेरे सतधाम वसे, गुरु पूनो मनाय जाय नासिक मे।।03।।अपने चित्त मे धारो भाई बहनो निरंतर परम राम नाम अखण्ड धुन, इसके पहले साँई अरुण जी शेलार के सतसंग सुन। मिल जाऐगा घर बैठे तुझको गुरु प्रसाद, तू हो जाऐगा भव पार।।04।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी,,7898158018-🙏🏻🌹
[18/6, 15:12] Shalekh Gram Soni: 🙏🏻🌹
[18/6, 15:30] Shalekh Gram Soni: ।।अखण्ड सारशबद मार्ग दर्शन-संतो की वाणी।।अक्षर पुरुष एक पेड है, निरंजन वाकी डार, तीनो देवता शाखा है, पात रुप संसार। हम ही अलख अल्लाह है, मूल रूप करतार, अनंत कोटि ब्रम्हांडो के, मै ही सिरजन हार।।01।।भेद परमपिता का ना जानकर, झूठे देही गुरुआ साहेब कबीर जी बन बैठे। पढ पढ कर दो चार ग्रंथो को,विश्व गुरु तुम बन बैठे।।जिसे खोजते ब्रम्हा थाके, सुर नर मुनि अरु देवा। कहे कबीर सुन भाई साधू, करो अखण्ड सतगुरु सेवा।।02।।अधर दीप सतगुरु का आसन होई, कोटि कोटि मे पहुंचे कोई। दशो दिशा जहाँ झिलमिल छाजा,,बाजे सुमंगल अनहद बाजा।।गुण तीनो की भगति मे, डूब रहा संसार। कहत कबीर निज नाम बिन, नहि होवे भवसागर पार।।03।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी,,78981580
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@71govind
1 year ago
🙏🙏 Sat Saheb ji
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