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Views : 63,606
Genre: Entertainment
License: Standard YouTube License
Uploaded At Nov 6, 2024 ^^
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RYD date created : 2024-12-04T03:44:54.480436Z
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Top Comments of this video!! :3
रफी साहब जो न सिर्फ संगीत के देवता (THE GOD OF MELODY) बल्कि उससे भी कहीं ज्यादा एक नेक दिल, फरिश्ता रुपी इंसान थे! जिन्होंने किसी भी जूनियर कलाकारों का भविष्य बर्बाद नहीं किया बल्कि उनको प्रोत्साहित ही किया! लेकिन आज इतने वर्षों बाद भी जब कि वो इस दुनिया में नहीं रहे, फिर भी इनकी जलन आज तक कम नहीं हुई। ये न तो कभी गायक के रुप में रफी साहब अच्छा तो हो न सकी और एक इंसान के रूप में उनसे अच्छा होने का तो सवाल ही नहीं उठता। No doubt की वो एक बहुती ही महान गायिका और भारत की शान है पर रफी साहब से न अच्छी थी और न कभी हो सकती हैं। 🙏
7 |
Madam Aasha ji Rafi sahab zinda the bhi to yahi kapat guzar jane ke baad bhi wahi? Duniya ko pata haiku tum dono behno ne jo har artist par atyachar kya an ginat
Suman ji Hem Lata ji Anuradha and many. Lanat hai tum logon par
Rafi sab aawaz nahi badalte the?
1000% wrong
Wo phir kyun hero ka naam poochte the recording par?
29 |
Absolute rubbish observation by Asha ji on Rafi Sa'ab! ये सबको पता है कि रफ़ी साहब की आवाज़ बुलंद थी.. लेकिन सिर्फ बुलंद आवाज़ से दर्ज़नों से ज़्यादा अभिनेताओं के लिए गाने नहीं गाए जा सकते और न ही रफ़ी साहब ऐसा करते थेl दिलीप कुमार, देव आनंद,शम्मी कपूर,शशि कपूर, राजेंद्र कुमार, राज कुमार, विश्वजीत, जाय मुखर्जी, जितेंद्र, सुनील दत्त, धर्मेंद्र, मनोज , राजेश खन्ना, जानी वॉकर, मेहमूद और अन्य ..सबके लिए उनकी पर्सनालिटी, स्टाइल, मैंनेरिजम्स् पर कड़ी मेहनत करके रफ़ी साहब गानों को इतना जीवंत बना देते थे कि लगता था हीरो खुद गा रहा है .. इस बात को अभिव्यक्त करने में आशा ताई की कंजूसी समझ से परे है.. कहीं न कहीं उनकी जलन उजागर हो जा रही है ..
9 |
@sulbha22
1 month ago
भारतीय फिल्म संगीत में एक मात्र गायक थे रफी साहब, जो बिना आवाज बदले भी , जिस हीरो के लिए भी गाते थे लगता था कि हीरो स्वयं गा रहा है, ये बहुत बड़ा हुनर था, क्यों कि आशा जी सहित अन्य गायक इतनी कोशिशें करने के बाद भी कभी ये महारत हासिल नहीं कर पाए कि जिस कलाकार के लिए गाए तो लगे कि वो कलाकार ही गा रहे हैं। वो तो ओ पी नैयर थे जिनकी बेहतरीन धुनों के कारण ही आशा जी सफलता का वो मुकाम हासिल कर पाई। लता, आशा, किशोर जैसी आवाज कइयों की मिल जाएगी लेकिन रफी साहब जैसी आवाज सदियों में सिर्फ एक बार पैदा होती है और कोई गायक उनके आसपास भी नहीं पहुंच सकता। आशा जी जितना अधिक अपने आपको बेस्ट प्रूव करने की कोशिश करती हैं, उतना ही हम सब की नजरों में एक स्टेप और नीचे गिर जाती हैं
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