शिव पुराण (Shiv Puran)

2 videos • 0 views • by Life Motivation devotional शिव पुराण (Shiv Puran) हिंदू धर्म के प्रमुख 18 पुराणों में से एक है, जिसमें भगवान शिव के महत्त्व, उनकी पूजा-विधि और उनकी लीलाओं का वर्णन किया गया है। यह ग्रंथ भक्ति, ज्ञान और आचार-विचार का मार्गदर्शन करता है और शिव भक्ति की भावना को प्रोत्साहित करता है। शिव पुराण की प्रमुख बातें: भगवान शिव का परिचय: शिव को त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) में से एक माना गया है। उन्हें संहारकर्ता का रूप कहा जाता है, जो प्रलयकाल में संपूर्ण ब्रह्मांड का विनाश करते हैं ताकि नए सृजन की प्रक्रिया शुरू हो सके। शिव पुराण के अध्याय: शिव पुराण में कुल 12 संहिताएँ (भाग) थीं, लेकिन आज वर्तमान में उपलब्ध पाठ 7 संहिताओं में विभाजित है: विद्येश्वर संहिता रुद्र संहिता शत रुद्र संहिता कोटि रुद्र संहिता उमा संहिता कैलास संहिता वायु संहिता शिव के रूप: शिव पुराण में भगवान शिव के कई रूपों का उल्लेख है, जैसे रुद्र, नटराज (नृत्य रूप), भैरव और महाकाल। इसमें शिवलिंग की महिमा का भी वर्णन है, जिसे शिव का प्रतीक माना जाता है। पार्वती और शिव विवाह: शिव और माता पार्वती की प्रेम-कथा और विवाह का सुंदर वर्णन है, जिसमें पार्वती को शिव के प्रति समर्पण और तपस्या करते हुए दिखाया गया है। भक्तों के लिए संदेश: शिव पुराण में यह बताया गया है कि जो व्यक्ति शिव की पूजा करता है और जीवन में सादगी, त्याग और विनम्रता अपनाता है, वह शिव कृपा प्राप्त करता है। मोक्ष का मार्ग: यह ग्रंथ भक्ति के महत्व को बताते हुए व्यक्ति को जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त करने की प्रेरणा देता है। शिव पुराण का महत्व शिव पुराण को शिव भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसमें शिवरात्रि, ज्योतिर्लिंगों की महिमा, और पंचाक्षर मंत्र "ॐ नमः शिवाय" की महत्ता का भी उल्लेख मिलता है। इसके माध्यम से व्यक्ति को धर्म, भक्ति और शिव की कृपा से जुड़े रहकर जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है।