हरी ॐ ,
योगविद्या भारतवर्ष की सबसे प्राचीन संस्कृति और जीवन -पद्धति है तथा इसी विद्या के बल पर भारतवासी प्राचीनकाल में सुखी, समृद्ध और स्वस्थ जीवन बिताते थे। जब से भारत में योग विद्या का ह्रास हुआ, तभी से भारतवासी गरीब ,दुःखी और अस्वस्थ हैं। पूजा-पाठ, धर्म-कर्म से शान्ति मिलती है और योगाभ्यास से धन-धान्य, समृद्धि और स्वास्थ्य। भारत में सुख,समृद्धि, शक्ति और स्वास्थ्य के लिए हर व्यक्ति को योगाभ्यास करना चाहिए।- योग ऋषि परमहंस स्वामी सत्यानन्द सरस्वती |
- हमलोग का यह प्रयास है की प्राचीन योग संस्कृति में ज्ञानयोग , भक्तियोग , कर्मयोग ,हठयोग , राजयोग ,मन्त्रयोग , कुण्डलिनियोगा और क्रियायोग की सम्पूर्ण जानकारी आप तक पहुँचाए | अगर आप कोई सलाह देना चाहते हैं तो 94712 27037 पर काल कर सकते हैं