[object Object] @UCcA7Rf0oy8tXibzcxXmgsiA@youtube.com
17 subscribers - no pronouns :c
कला हमेशा कलश में सिमटी याद की तराह होति है | पहले आग की तरह Suscribe Rss feed
कला हमेशा कलश में सिमटी याद की तराह होति है |पहले आग की तरह दहकती है |और फिर राख बन सागर में बहने का भी दम रखती है|